वैष्णव पत्रिका :– सर्दी का सीजन जाते ही घरो में रजाईयां अंदर चली गई तथा कूलर और एसी चालू हो गए है । सूर्य देवता भी कहा रहम करता है उन्होंने भी अपने तीखे तेवर दिखाना शुरू कर दिया है । सुर्य अपनी प्रखर किरणों की तीव्रता से संसार के जलियांश को सुखा कर वायु में रूखापन और ताप बढ़ा कर मनुष्यों के शरीर में ताप की वृद्धि कर रहा है । जिसमें शरीर में निर्जलीकरण, लू, लगना, चक्कर आना, घटराहट होकना, नकसीर आना आदि समस्याएं उत्पन्न होती है । अब घर के बाहर निकलना किसी जंग से कम नही रहा । सबने अपने अपने तरीके से गर्मी से बचने के उपाय चालू कर दिये है । हम इस लेख के जरीये आपको गर्मी से होने वाली समस्याओं से निजात पाने के उपाय बनाने जा रहे है । गर्मी में सीधे तौर पर सबसे ज्यादा दुष्परिणाम त्वचा को होते है । अगर आप चाहे तो थोड़ी सी सावधानी रखकर त्वचा को सुरक्षित रख सकते है ।
कैसे बचाएं अपनी त्वचा को
गर्मी से निपटने का सबसे अच्छा तरीका है, स्वच्छ पानी का उपयोग, अगर आप हर थोडी देर में पानी के छींटे अपने चेहरे पर मारते है तो आप तरोताजा महसूस करते है । इसके साथ ही हो सके तो खीरा, चंदन, तुलसी, गुलाबजल आदि प्राकृतिक चीजों से आपकी त्वचा को लाभ पहुंचाती है । इन सब चीजों को लगाने से चेहरे को ठंडक पहुंचती है ।
धुप से आने के बाद मुलतानी मिट्टी या चंदन पाउडर को फेस पेक लगाने से भी फायदा पहुंचता है । इसे लगाने से धूप में जली हुई त्चचा भी सही हो सकती है । अगर आप चाहे तो गर्मी में खीरे, मुलतानी मिट्अी तथा ग्लिसरीन का फेस पैक बनाकर भी रख सकते है तथा इसे हर रोज उपयोग में लेकर तपती गर्मी से अपनी त्वचा की सुरक्षा कर सकते है । यदि आपको गर्मी में घमोरिया हो रही है तो नीम और तुलसी को पीसकर लगाने से यह सही हो जाती है ।
गर्मी में पेट की समस्याओं से पाये निजात
गर्मियों में पेट से जुड़ी भी कई समस्याएं हो जाती है । अगर आप चाहे तो अपने खाने को थोड़ा सा घ्यान रखते हुए इस समस्या से निजात पा सकते है । सबसे पहले ये ध्यान रखे कि गर्मियोंमें ज्यादा तला हुआ मसालेदार खाने का सेवन ना करें । गर्मियों में जितना हो सके विटामिन ए और सी देने वाले पदार्थो को सेवन करें । जिसमें जल की मात्रा अधिक हो ताकि शरीर में पानी की कमी ना आ पायें । गर्मी के मौसम में दही, फल जैसे अंगूर, पपीता, संतरा, मौसम्बी आदि का जूस भी शरीर को फायदा पहुंचाता है । बेल का फल भी इस मौसम में बड़ा उपयोगी है, आप चाहें तो शर्बत या मुरब्बा बनाकर सेवन कर सकते है । इस तपते मौसम में आप कुछ समय के अंतराल से नींबू पानी का उपयोग अवश्य करें गर्मी से बचने का ये रामबाण उपाय है । इसके अलावा छाछ भी कारगर साबित होती है ।
आखिर कैसे बचें लू से
गर्मियों के मौसम में वैसे तो हर कोई धुप से निकलने से बचात है परन्तु अगर निकलना बहुत जरूरी हो तो इसे टाला भी नही जा सकता । परंतु घूप में निकलने से सबसे ज्यादा डर लू लगने का बना रहता है । अगर किसी का शरीर गरम हो और कान ठंडे हो तो कहा जा सकता है की उसे लू लगी हूई है । अगर इंसान चाहे तो थोड़ी सी सावधानी रखकर इससे बच सकता है । कहा जाता है कि प्याज गर्मी में बहुत उपयोगी है । इसको खाने से तो फायदा होता ही है परंतु अगर कोई धूप में जाते वक्त इसे आने साथ रखता है तो भी लू नही लगती । इसलिए हो सके तो एक छोटा सा प्याज अपने साथ रखें । दादी नानी के नुस्कों में भी कहा जाता है कि घर से निकलते वक्त छाछ, सत्तू पीकर निकलने से भी लू से बचा जा सकता है । अगर किसी को लू लग भी जाए तो गीला कपड़े से उस व्यक्ति की लू उतारी जा सकती है ।
गर्मियों में जब बहने लगे नकसीर
शरीर में गर्मी के बढऩे के कारण नकसीर यानि नाक से खून निकलने लगता है । इसे नकसीर फूटना भी कहते है । कभी-कभी ये समस्या बड़ो में भी देखने को मिलती है । वैसे तो यह कोई बड़ी समस्या नही है पर अगर इसका इलाज सही ढंग से ना किया जाये तो ये बड़ी परेशानी की वजह बन सकती है । यदि आप नकसीर फूटने की समस्या से परेशान है तो शीशम के पत्तों का शरबत पीने से आपकी ये समस्या हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी । नाक में खून आने पर आप पीपल के पत्तो के रस की कुछ बूंदो को नाक में डालने से खून आना बंद हो जाता है । इसके साथ ही आप काली मिट्टी पर पानी छिड़कर सूंघने से भी इस समस्या से आराम मिलता है । नकसीर के फूटने के समय ठंडे पानी से कपड़े को भीगो कर अपने सिर पर रखे ताकि शरीर में बढ़ी हुई गर्मी कम हो सकें । यदि ये समस्या ज्यादा हो तो आपको कुशल चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए ।
तपती गर्मी में रखे बच्चों को आरामदायक
शिशु को ठंडक देने वाले सूती कपड़े पहनाएं। सिंथेटिक कपड़े इस्तेमाल न कीजिए, क्योंकि वे गर्माहट को अंदर ही रोकते हैं और बच्चे के लिए बहुत तकलीफदेह हो सकते हैं। इनके कारण घमौरियां भी हो सकती हैं। शिशु को धूप से बचाने के लिए टोपी या हैट पहना सकते हैं। मगर, सुनिश्चित करें कि वह चौड़े रिम वाली टोपी है और आराम से फिट होती है। इलास्टिक पट्टी के सपोर्ट वाली हैट न पहनाएं, क्योंकि वह तंग हो सकती हैं और इनसे रक्त परिसंचारण पर दबाव पड़ सकता है। चरम गर्मी के समय घर के अंदर रहें दिन में जब गर्मी का असर सबसे ज्यादा हो (सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक), तब घर के अंदर ही रहना बेहतर है। अगर आपको धूप में निकलना ही पड़े, तो सुनिश्चित कीजिए कि आपका बच्चा सही प्रकार से धूप से सुरक्षित है। अपने बच्चे को सुबह-सुबह या शाम को देर से सैर के लिए ले जाएं। शिशु की प्रैम या बग्गी से अतिरिक्त गद्दियों को हटा दीजिए, क्योंकि वे बहुत गर्म हो सकती हैं। आप प्रैम में एक सूती चादर भी बिछा सकती हैं। प्रैम के सिंथेटिक आवरण की तुलना में सूती चादर पर लेटने से शिशु को कम गर्मी लगेगी।