पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर भारतीय वायु सेना द्वारा की गई एयर स्ट्राइक में कितना नुकसान हुआ इसे लेकर जमकर बहस चल रही है. इस बीच अंतरराष्ट्रीय न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने सैटेलाइट इमेज जारी करके भारतीय वायु सेना की एयरस्ट्राइक पर संदेह व्यक्त किया है. दरअसल, रॉयटर्स ने सैन फ्रांसिस्को की एक प्राइवेट सैटेलाइट ऑपरेटर कंपनी ‘प्लैनेट लैब्स’ ने ये तस्वीरें जारी की हैं. यह कंपनी सैटेलाइट के जरिये धरती की तस्वीरें लेती है. बताया जा रहा है कि रॉयटर्स ने जो सैटेलाइट इमेज जारी की है उन्हें 4 मार्च को लिया गया था.
इन तस्वीरों में यह दावा किया गया है कि एयर स्ट्राइक के छह दिन बाद भी मदरसे की बिल्डिंग सही सलामत खड़ी हैं. उन्हें भारतीय वायु सेना के बम से कोई असर नहीं हुआ है. रॉयटर्स का यह भी कहना है कि एयरस्ट्राइक के बाद मार्च में ली गई तस्वीरें अप्रैल 2018 में ली गई तस्वीरों से कुछ भी अलग नहीं है. यहां ना तो इमारतों की छतों पर कोई छेद नजर आ रहा है और ना ही टूटे हुए पेड़. यहां हवाई हमले के कोई संकेत नहीं हैं. वहीं, न्यूज़ वेबसाइट द प्रिंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सैटेलाइट एक्सपर्ट रिटायर्ड कर्नल विनायक भट ने 4 मार्च को ली गई तस्वीरों में यह दावा किया है कि जैश-ए-मोहम्मद के ट्रेनिंग कैम्प को भारतीय वायु सेना की एयरस्ट्राइक से नुकसान पहुंचा था.इसमें जैश-ए-मोहम्मद के ट्रेनिंग कैम्प के पास टूटी छत, फ्यूल एक्सप्लोजन के निशान साथ ही कुछ टूटे पेड़ नजर आए थे. हालांकि, रॉयटर्स ने भी वही तस्वीर जारी की है जिसे रिटायर्ड यर्ड कर्नल विनायक भट ने दिखाया था. मालूम हो कि भारतीय वायु सेना द्वारा की गई एयरस्ट्राइक में लोगों की मौत के आंकड़ों को लेकर जमकर बहस चल रही है. एयर चीफ मार्शल बीएस धनोबा यह बात साफ़ कह चुके हैं कि एयरस्ट्राइक से हुई मौतों को गिनने का काम हमारा रही है. उन्होंने यह भी कहा था कि हमने जो टारगेट बनाया था उस पर हमने सटीक एयरस्ट्राइक किया है और यदि भारत ने जंगल में बम गिराए होते तो पाकिस्तान भी जंगल में बम गिराने का बदला लेने नहीं आता.
इसमें जैश-ए-मोहम्मद के ट्रेनिंग कैम्प के पास टूटी छत, फ्यूल एक्सप्लोजन के निशान साथ ही कुछ टूटे पेड़ नजर आए थे. हालांकि, रॉयटर्स ने भी वही तस्वीर जारी की है जिसे रिटायर्ड यर्ड कर्नल विनायक भट ने दिखाया था.
मालूम हो कि भारतीय वायु सेना द्वारा की गई एयरस्ट्राइक में लोगों की मौत के आंकड़ों को लेकर जमकर बहस चल रही है. एयर चीफ मार्शल बीएस धनोबा यह बात साफ़ कह चुके हैं कि एयरस्ट्राइक से हुई मौतों को गिनने का काम हमारा रही है.
उन्होंने यह भी कहा था कि हमने जो टारगेट बनाया था उस पर हमने सटीक एयरस्ट्राइक किया है और यदि भारत ने जंगल में बम गिराए होते तो पाकिस्तान भी जंगल में बम गिराने का बदला लेने नहीं आता.
वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू भी एयरस्ट्राइक से हुई मौत के आंकड़े पर सवाल उठा चुके हैं. उनका कहना है कि एयरस्ट्राइक से क्या केवल पेड़ गिरे थे या वाकई में 300 लोगों की मौत हुई थी.